भारत में एक विशेषता है उसकी भौगोलिक विविधता और अस्थायीता। हर राज्य और क्षेत्र स्वयं अपनी विशेषताओं से युक्त होते हैं और अपने परंपरागत पहनावे के लिए जाने जाते हैं। भारतीय परिधान उन्हीं परंपराओं की झलक दर्शाते हैं जो पूरे भारत को एक साथ बाँधती हैं।
भारतीय परिधानों की एक विशेषता उनके असीमित रंगों में होती है। उनके आकर्षक और बिंदास रंग सिर्फ नजरों को खुश करते हैं। भारत के अलग-अलग राज्यों और क्षेत्रों में पहने जाने वाले परिधान अपनी असीमित रंग, नक्श, डिजाइन और अलग-अलग फैब्रिक से पहचाने जाते हैं।
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उत्तर भारत में, लोग प्रारंभिक रूप से वूलन या कश्मीरी शाल जैसे नरम धागों से बने सुंदर परिधानों को पसंद करते हैं। दक्षिण भारत में, लहराते हुए साड़ियां, धोती-कुर्ता और साफ्ट पजामा प्रमुख होते हैं। पूर्व भारत में, पॉलिस्टर परिधान विशेषकर कॉटन उत्पादों से बनते हैं। पश्चिम भारत में सलवार कमीज और शेरवानी सबसे लोकप्रिय हैं।
कुछ विशिष्ट दिवसों के लिए भारतीय परिधानों को अलग-अलग मौसम में पहना जाता है। कुरता-पजामे शादियों और सभी प्रकार की पार्टियों के लिए लोकप्रिय होते हैं, जबकि लोहे के जंगियों और लोहे के कपड़े सर्दियों में उपयोग देखने को मिलते हैं।
भारतीय परिधानों की विशेषताओं और उनके आकर्षक रंगों से दुनिया भर के लोग प्रभावित होते हैं। इसलिए, भारत में परिधान उत्पादकों की मांग हमेशा बढ़ रही है।
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